मोहन कैबिनेट का बड़ा फैसला- राजा भभूत सिंह के नाम पर होगा पचमढ़ी अभ्यारण्य और कॉलेज

मध्यप्रदेश राज्य

भोपाल। मध्यप्रदेश के पचमढ़ी में हुई मोहन यादव कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है। पचमढ़ी वन्य जीव अभ्यारण का नाम राजा भभूत सिंह के नाम पर करने का निर्णय लिया गया है।

नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि राजा भभूत सिंह की कर्म भूमि, जन्म भूमि पर कैबिनेट की हुई है। उन्होंने मक्खियों से अंग्रेजों को भगाने का काम किया। वे नर्मदा अंचल के शिवाजी कहलाते थे।

इससे पहले पचमढ़ी के राजभवन में राजा भभूत सिंह की स्मृति एवं जनजातीय समाज के कल्याण को समर्पित कैबिनेट बैठक पचमढ़ी में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के गायन के साथ शुरू हुई।

कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इंदौर में मेट्रो की शुरुआत के साथ ही सतना और दतिया को हवाई अड्डे की सौगात दी है।

सीएम ने कहा कि महिला सशक्तिकरण को लेकर मध्य प्रदेश सरकार के कामों की भी प्रधानमंत्री ने सराहना की है। सीएम ने जल गंगा संवर्धन अभियान में खंडवा को देश में सर्वश्रेष्ठ जिला घोषित होने पर बधाई भी दी है।

कैबिनेट की बैठक के फैसले

5 जून को उज्जैन में वेलनेस समिट का आयोजन किया जाएगा।
9 जून को पीएम मोदी के कार्यकाल के 11 साल पूरे होंगे। इसको लेकर कार्यक्रम किए जाएंगे।
राजस्व विभाग में 500 पदों को खत्म कर 1200 पदों का सृजन करने का फैसला किया गया है। इसमें आईटी के पदों को ज्यादा महत्व दिया जाएगा। जिससे कि समस्या के तुरंत समाधान हों।
राजस्व विभाग में प्रमुख राजस्व आयुक्त और आयुक्त अभिलेख को आपस में मर्ज किया गया है। नया पद कमिश्नर लैंड रिसॉर्स मैनेजमेंट के नाम से होगा।
श्रम विभाग में संशोधन को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है। जहां महिलाएं सुरक्षित तरीके से रात में काम कर सकती हैं, वहां पर काम कर सकती हैं। इसके लिए नियमों में संशोधन किया जाएगा। किसी का शोषण नहीं हो, इसे ध्यान रखा जाएगा। ठेका श्रमिक नियमों में भी बदलाव किया जाएगा। लेबर एक्ट में संशोधन को मंजूरी दी गई है।
इंदौर आईआईटी में एग्रो आईआईटी हब बनाने का फैसला किया गया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव कैबिनेट में दिया। इसके माध्यम से कृषि तकनीक में बढ़ावा देने का काम होगा। कृषि क्षेत्र के नौजवान इसके माध्यम से स्टार्टअप शुरू कर सकेंगे।

 

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